क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना ? आप भी ले सकते है इस योजना के तहत आवास !

प्रधानमंत्री आवास योजना गरीब परिवारो को नि शुल्क आवास वितरण की योजना है जो प्रधानमंत्री के द्वारा दी जाती है ।

 

 

मूल रूप से 1985 में “इंदिरा आवास योजना” के रूप में लॉन्च की गई PMAYG योजना को 2016 में वर्तमान सरकार द्वारा “2024 तक सभी के लिए आवास” पहल के हिस्से के रूप में फिर से शुरू किया गया था। PMAYG मिशन को अब मार्च 2029 तक बढ़ा दिया गया है।13 Feb 2025

 

प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसके माध्यम से नगरों व ग्रामीण इलाकों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल घर प्रदान किये जाएँगे। सरकार ने 9 राज्यों के 305 नगरों एवं कस्बों को चिह्नित किया है जिनमें ये घर बनाए जाएंगे। सरकार ने इस योजना को 3 फेज’ में विभाजित किया है-

 

 

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, मकान बनाने के लिए सरकार आर्थिक सहायता देती है. यह सहायता शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों के लिए उपलब्ध है.

शहरी इलाकों के लिए

आर्थिक रूप से कमज़ोर (EWS) वर्ग के परिवारों को 1.5 लाख रुपये की सहायता दी जाती है.

2.50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाता है.

शहरी स्थानीय निकाय, लाभार्थी की सूचना और भवन निर्माण योजना की जांच करके पात्रता तय करता है.

ग्रामीण इलाकों के लिए

पात्र लाभार्थियों को 70,000 रुपये तक का ऋण 3% कम ब्याज़ दर पर मिलता है.

अधिकतम 2 लाख रुपये की मूल राशि पर सब्सिडी का लाभ मिलता है.

यह अतिरिक्त ऋण सहायता, लाभार्थियों पर वित्तीय बोझ कम करने में मदद करती है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. इसके लिए, आधिकारिक PMAY पोर्टल https://pmaymis.gov.in/ पर जाना होगा.

 

 

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी), और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के लोग आवास पा सकते हैं. इसके अलावा, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, एकल महिलाओं, ट्रांसजेंडर, और समाज के कमज़ोर वर्गों को भी प्राथमिकता दी जाती है.

पीएमएवाई के तहत पात्रता की शर्तें:

आवेदक की उम्र 70 साल से कम होनी चाहिए.

आवेदक या उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर कोई घर या फ़्लैट नहीं होना चाहिए.

आवेदक ने घर खरीदने के लिए किसी भी तरह का सरकारी छूट नहीं ली होनी चाहिए.

परिवार की सालाना आय 18 लाख रुपये से ज़्यादा न होनी चाहिए.

लाभार्थी परिवार में पति-पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होंगे.

लाभार्थी परिवार के पास भारत के किसी भी हिस्से में पक्का मकान न हो.

पीएमएवाई के तहत आवास के साथ-साथ शौचालय, पानी की आपूर्ति, बिजली, और रसोईघर जैसी बुनियादी सुविधाएं भी दी जाती हैं.

 

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के लिए आवेदन करने के लिए, इन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है:

वोटर आईडी कार्ड

पैन कार्ड

जाति प्रमाण पत्र

आय प्रमाण पत्र

आयु प्रमाण पत्र

राशन कार्ड

मोबाइल नंबर

बैंक खाता नंबर

पीएमएवाई के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, आप ये कदम उठा सकते हैं:

आधिकारिक पीएमएवाई पोर्टल https://pmaymis.gov.in/ पर जाएं.

नीचे ‘नागरिक मूल्यांकन’ अनुभाग तक स्क्रॉल करें.

ड्रॉप-डाउन मेन्यू से ‘3 घटकों के अंतर्गत लाभ’ का चयन करें.

पीएमएवाई-यू के तहत, इन बातों का ध्यान रखा जाता है:

इस योजना में शौचालय, पानी की आपूर्ति, बिजली, और रसोईघर जैसी बुनियादी सुविधाएं होंगी.

इस योजना में महिलाओं को भी ध्यान में रखा जाता है.

इस योजना में विकलांग लोगों, वरिष्ठ नागरिकों, आदि को प्राथमिकता दी जाती है.

पीएमएवाई-जी के तहत लाभ पाने के लिए, आप UMANG वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं.

 

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्रता की शर्ते –

 

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के लिए पात्रता की शर्तें ये हैं:

आवेदक की उम्र 70 साल से कम होनी चाहिए.

आवेदक या उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर कोई घर या फ़्लैट न हो.

आवेदक ने घर खरीदने के लिए किसी तरह का सरकारी छूट न लिया हो.

परिवार की सालाना आय 18 लाख रुपये से ज़्यादा न हो.

आर्थिक रूप से कमज़ोर (EWS) वर्ग के लिए सालाना आय 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए.

निम्न आय वर्ग (LIG) के लिए सालाना आय 3 लाख से 6 लाख रुपये होनी चाहिए.

मध्यम आय वर्ग (MIG-I) के लिए सालाना आय 6 लाख से 12 लाख रुपये होनी चाहिए.

मध्यम आय वर्ग (MIG-II) के लिए सालाना आय 12 लाख से 18 लाख रुपये होनी चाहिए.

इस योजना के तहत, शहरी क्षेत्रों में आवास की कमी को पूरा किया जाएगा. इस योजना का मकसद है कि आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को किफ़ायती आवास मिले.

इस योजना में विकलांग लोगों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, एकल महिलाओं, ट्रांसजेंडर, और समाज के कमज़ोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाती है.

 

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