धरती पर लौटी सुनीता विलियम्स, जानिए क्या कहा उन्होंने 

 

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर अन्य दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ड्रैगन कैप्सूल के ज़रिए पृथ्वी पर लौट आए है

यह एस्ट्रोनॉट्स बीते साल वो जून में महज़ आठ दिनों के लिए

अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन पर गए व लगभग नौ महीनों के बाद लौटे है ।

उन्हें आख़िरकार एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ने फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित रूप से उतारा ।

अन्तरिक्ष यात्रियों को स्पेश स्टैशन से धरती पर पहुँचने में 17 घंटों का लम्बा वक़्त लगा पढ़िए कैसी रही उनकी यात्रा 

जब ड्रैगन कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था तब उसकी स्पीड लगभग 17हज़ार मील प्रति घण्टा थी जिसे कुछ मिनटों के अंतराल में तेज़ी से धीमा कर दिया गया

 

भारतीय समयानुसार तड़के 3:27 पर चार अंतरिक्षयात्रियों को लाने वाला फ्लोरिडा के पास समुद्र में गिरा ।

 

पृथ्वी पर पहुँचने के बाद जब वे कैप्सूल से निकलें तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था अंतरिक्ष में क़रीब 286 दिन बिताने के बाद सुनीता विलियम्स और बुज़दिल मोर्ने धरती ताज़ा हवा में साँस ली जिसमें वे कैप्सूल से बाहर आ रही थी उनके चेहरे पर मुस्कान तैर रही थी और कैमरे की और देखकर वे लगातार हाथ हिला रहे थे

 

 

शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव-

 

बीबीसी साइंस एडिटर, रेबेका मॉरेल के अनुसार, अधिकांश यात्री अंतरिक्ष में लगभग छह महीने तक रोक सकते हैं लेकिन कुछ फ़िल्मों और और सुनीता विलियम्स को वाहनों महीने तक रुकना पड़ा यह उनकी मजबूरी थी और अंतरिक्ष में रहने पर उनके शरीर पर काफ़ी बुरा असर पड़ा है ख़ुद को फिट रखने के लिए उन्होंने लगभग लगभग प्रतिदिन 4 घंटे तक ve व्यायाम किया हालाँकि शून्य गुरुत्वाकर्षण में हड्डियां और मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती है हालाँकि अंतरिक्ष में जों बदलाव होते हैं धरती में आने के बाद वह सामान्य हो जाते हैं

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